हौसला मेरा
खुशनुमा बयार सा
निश्छल हँसी सा
अपनों के स्नेह सा
हरी दूब सा
आस की कश्ती सा
बारिश की फुहार सा
कोयल की कूक सा
मोर के नर्तन सा
चाँद की चांदनी सा
भोर की किरण सा
मदमाती शाम सा
सुन्दर ख्याल सा
ईश्वर के दर्श सा
हाँ हौसला मेरा ऐसा ही है
कहाँ डिगा पाएंगी इसे
आंधियां नकारात्मक सी
इसी हौसले ने तो सिखाया
ले सबक इन आँधियों से
हंसके आगे बढ़ना मुझे......
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शुक्रिया