Thursday, September 20, 2012

हौसला मेरा




हौसला मेरा
खुशनुमा बयार सा 
निश्छल हँसी सा 
अपनों के स्नेह सा
हरी दूब सा 
आस की कश्ती सा
बारिश की फुहार सा 
कोयल की कूक सा
मोर के नर्तन सा
चाँद की चांदनी सा
भोर की किरण सा 
मदमाती शाम सा 
सुन्दर ख्याल सा 
ईश्वर के दर्श सा
हाँ हौसला मेरा ऐसा ही है

कहाँ डिगा पाएंगी इसे 
आंधियां नकारात्मक सी 
इसी हौसले ने तो सिखाया 
ले सबक इन आँधियों से 
हंसके आगे बढ़ना  मुझे......

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शुक्रिया